भा.कृ.अ.प. - भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान | ICAR-Indian Agricultural Research Institute

कृषि मौसम सलाहकार

मौसम आधारित कृषि परामर्श सेवाएं
ग्रामीण कृषि मौसम सेवा
कृषि भौतिकी संभाग
भा. कृ. अनु. प. -भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्‍ली – 110012
(दिल्ली और इसके आस-पास के गाँवों के लिए) Website: www.iari.res.in


साल-31, क्रमांक:-37/2023-24/मंग.                                                                          समय: अपराह्न 2.30 बजे                                                                     दिनांक: 08-08-2023

बीते सप्ताह का मौसम (02 से 08 अगस्त, 2023)

      सप्ताह के दौरान आसमान में बादल छाये रहें। 03 अगस्त को 8.4 मिमी वर्षा 05 अगस्त को 54.2 मिमी तथा 06 अगस्त को 3.0 मिमी वर्षा संस्थान की वैधशाला मे दर्ज की गई। दिन का अधिकतमतापमान 33.2 से 36.0 डिग्री सेल्सियस (साप्ताहिकसामान्य 33.5 डिग्री सेल्सियस) तथा न्यूनतम तापमान 24.6 से 28.4 डिग्री सेल्सियस (साप्ताहिक सामान्य 26.2 डिग्रीसेल्सियस) रहा। इसदौरान पूर्वाह्न 7.21 को सापेक्षिक आर्द्रता 78 से 93 तथा दोपहर बाद अपराह्न2.21 को 60 से 74 प्रतिशत दर्ज की गई।सप्ताह के दौरान दिन मेंऔसत 5.1 घंटे प्रति दिन(साप्ताहिक सामान्य 4.2 घंटे) धूप खिलीरही। वाष्पीकरण की औसत दर 3.7 मि.मी. (साप्ताहिक सामान्य 4.5 मि.मी) प्रति दिन रही। सप्ताह के दौरान पूर्वाह्न को हवा पश्चिम दिशा से रही तथा अपराह्न को भिन्न-भिन्न दिशाओ से रही।


भारत मौसम विज्ञान विभाग, क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केन्द्र, लोदी रोड़, नई दिल्ली से प्राप्त मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान
मौसमी तत्व/दिनांक 2023-08-132023-08-162023-08-17
वर्षा (मि.मी.) 0.089'
अधिकतम तापमान {°सेल्सियस}3789'
न्यूनतम तापमान {°सेल्सियस}2836'
बादलों की स्थिति (ओक्टा)72333'
सापेक्षिक आर्द्रता(प्रतिशत) अधिकतम8023`23
सापेक्षिक आर्द्रता(प्रतिशत) न्यूनतम603333
हवा की गति (कि.मी/घंटा)123233
हवा की दिशापश्चिम-दक्षिण-पश्चिम
साप्ताहिक संचयी वर्षा (मि.मी.)
12.0 mm
विशेष मौसम

साप्ताहिक मौसम पर आधारित कृषि सम्बंधी सलाह 13 अगस्त, 2023 तक के लिए 

कृषि परामर्श सेवाओं, कृषि भौतिकी संभाग के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसानों को निम्न कृषि कार्य करने की सलाह दी जाती है। 

  • धान की फसल मे यदि पौधों का रंग पीला पड रहा हो तथा पौधे की ऊपरी पत्तियाँ पीली और नीचे की हरी हो तो इसके लिए जिंक सल्फेट(हेप्टा हाइडेट्र 21%) 6.0 किग्रा/हैक्टर की दर से 300 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे करें।
  • किसानों को सलाह है कि वर्षा मौसम में खरपतवारों की वृदि अधिक होती है अतः सभी खडी फसलों में खरपतवार नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई का कार्य शीघ्र करें तथा सभी फसलों में सफ़ेद मक्खी तथा चूसक कीटों की नियमित निगरानी करें।
  • यह समय चारे के लिए ज्वार की बुवाई के लिए उप्युक्त हैं अतः किसानभाई पूसा चरी-9, पूसा चरी-6 या अन्य सकंर किस्मों की बुवाई करें। बीज की मात्रा 20 किलोग्राम/एकड़ रखें । 
  • जिन किसानों की टमाटर, हरी मिर्च, बैंगन व अगेतीफूलगोभी की पौध तैयार है, वे मौसम को मध्यनजर रखते हुए रोपाई मेंडों (ऊथली क्यारियों) पर करें तथा जल निकास का उचित प्रबन्ध रखें। 
  • इस मौसममें किसान ग्वार (पूसा नव बहार, दुर्गा बहार), मूली (पूसा चेतकी), लोबिया (पूसा कोमल), भिंडी (पूसा ए-4), सेम (पूसा सेम 2, पूसा सेम 3), पालक (पूसा भारती), चौलाई (पूसा लाल चौलाई, पूसा किरण)आदि फसलों की बुवाई के लिए खेत तैयार हो तो बुवाई ऊँची मेंड़ों पर कर सकते है। बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें। जल निकास का उचित प्रबन्ध रखें। 
  • किसान वर्षाकालीन प्याज की पौध की रोपाई इस समय कर सकते है। जल निकास का उचित प्रबन्ध रखें। 
  • इस मौसममें किसान स्वीट कोर्न (माधुरी, विन ऑरेंज) तथा बेबी कोर्न (एच एम-4) की बुवाई कर सकते है। जल निकास का उचित प्रबन्ध रखें। 
  • कद्दूवर्गीय एवं अन्य सब्जियों में मघुमक्खियों का बडा योगदान है क्योंकि, वे परांगण में सहायता करती है इसलिए जितना संभव हो मघुमक्खियों के पालन को बढ़ावा दें। कीड़ों एवं बीमारियों की निरंतर निगरानी करते रहें, कृषि विज्ञान केन्द्र से सम्पर्क रखें व सही जानकारी लेने के बाद ही दवाईयों का प्रयोग करें। 
  • किसान प्रकाश प्रपंश (Light Trap) का भी इस्तेमाल कर सकते है। इसके लिए एक प्लास्टिक के टब या किसी बड़े बरतन में पानी और थोडा कीटनाशक दवाई मिलाकर एक बल्ब जलाकर रात में खेत के बीच में रखे दें। प्रकाश से कीट आकर्षित होकर उसी घोल पर गिरकर मर जायेंगें। इस प्रपंश से अनेक प्रकार के हानिकारक कीटों का नाश होगा। 
  • गेदें के फूलों की (पूसा नारंगी) पौध को नेट हाउस में तैयार करें तथा जल निकास का उचित प्रबन्ध रखे। 
  • फलों (आम, नीबू तथा अमरुद) के नऐ बाग लगाने के लिए अच्छी गुणवत्ता के पौधों का प्रबन्ध करके इनकी रोपाई शीघ्र करें।

सलाहकार समिति के वैज्ञानिक    

डा.अनन्ता वशिष्ठ (नोड़ल अधिकारी, कृषि भौतिकी संभाग)

डा. सुभाष नटराज (अध्यक्ष, कृषि भौतिकी संभाग)

डा.प्र. कृष्णन (प्राध्यापक, कृषि भौतिकी संभाग) 

डा.देब कुमार दास (प्रधान वैज्ञानिक, कृषि भौतिकी संभाग)

डा.बी.एस.तोमर (अध्यक्ष, सब्जी विज्ञान संभाग)

डा.जे.पी.एस. ड़बास (प्रधान वैज्ञानिक व इंचार्ज, केटेट)

डा. सचिन सुरेश सुरोशे (परियोजना समन्वयक, मधुमक्खी पर अखिल भारतीय समन्वित परियोजना)

डा.दिनेश कुमार (प्रधान वैज्ञानिक, सस्य विज्ञान संभाग)

डा.पी.सिन्हा(प्रधान वैज्ञानिक, पादप रोग संभाग)


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